शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

आँखों की करामात पर ग़ज़ल


     आँखों की करामात पर ग़ज़ल


आँखों को मैंने अपनी घटा बना लिया है
उमड़ कहीं न कह दें दिल का राज सारा
इसलिए रख अधरों पे मुस्कान की डली
भींगती रोज भीतर देख अन्दाज़ तुम्हारा ,

निग़ाहों के लफ़्ज़ों से कशमकश में हूँ मैं
फंसी कैसी दुबिधाओं के कफ़स में हूँ मैं
तुम कैसे बाज़ीगर हारा एहतियात सारा
तिलस्मी बड़ा दीद का अल्फ़ाज़ तुम्हारा ,

धड़कनों की सरहद पार आ थे जब गये
निग़ाहों के समंदर उतर नहा थे जब गये
तो कह जाते दिल का भी जज़्बात सारा
बेज़ार करता है नि:शब्द सौगात तुम्हारा ,

ऐसे गुमनाम हुये तुम दे प्रीत की तावीज़ 
क़त्ल किये सुकूं का औ बने भी अज़ीज़ 
निग़ाहों में रख चलते तुम हथियार सारा 
ख़ंजर से तेज किया है मौन वार तुम्हारा ,

तेरे नैन जो किये थे नादाँ दिल से सुलूक 
खिल गये थे गुल प्यार के उद्गार हैं सुबूत 
कर दिया है बयां लिखकर हालात सारा
शायद हो कभी मुझसे मुलाक़ात तुम्हारा ।

कफ़स--- पिंजरा
सर्वाधिकार सुरक्षित 
              शैल सिंह 


गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

ढलती ज़िन्दगी पर कविता

ढलती ज़िन्दगी पर कविता



थोड़ी मोहलत मिली थोड़ी फ़ुर्सत मिली
तो मिला तोहफ़े में तन्हाई और अपनों का बिछुड़न
गाड़ी बंगला मिला ऐश्वर्य,शोहरत मिला
तो मिला ढलते वय में पदार्थ सब टिसता चुभन 
ज़िन्दगी तेरी आवश्यकताओं के वसन्त बीत जाने के बाद ,

सोचती हूँ जी लूँ जी भर कर तुझे
अधूरी ख़्वाहिशें खरीद लूँ झोली भर के
कभी सपने नयन में जो अंगड़ाई लिये थे
सोचती हूँ कर लूँ उपलब्ध उन्हें साकार कर के
मगर तुझसे शिकवा आज यही ज़िंदगी 
कोई आह्लाद नहीं गुजरे कल की अनुभूति सी
मधुर ज़िन्दगी का बेशक़ीमती वसन्त बीत जाने के बाद ,

कुछ मर्यादाओं,प्रथाओं का बंधन 
कुछ विवशताओं की अपनी कहानी
बेमुरव्वत था वक़्त और किस्मत,सम्बन्धी भी
कुछ लाचार परिस्थितियों में बीती जवानी
बहुत शिकवा है ज़िन्दगी तेरे वर्तमान से
उलाहने प्रचुर,बीत गए कल को मेरे आज से
वर्तमान तूं भी मिला हसरतों का वसन्त बीत जाने के बाद ,

उत्तरदायित्वों के निर्वहन में आकर्षण गया देह का 
सुन्दर परिधान आभूषण अब किस काम के
ना तो यौवन के तरुणाई की चमक औ धमक
नैनों में ज्योति ना पैरूख रहे अब किसी धाम के
व्यस्त संतानें ख़ुद के व्यवसाय में,सब बिछड़े स्वजन
दसन,पाचन भी अशक्त,सुखभोग निष्काम के
जो मिला,ज़िन्दगी के शौकों के वसन्त बीत जाने के बाद। 

दसन--दाँत

 शैल सिंह